'मम्मी-पापा सॉरी, मैं नहीं कर पाई':JEE में फेल होने पर 11वीं की स्‍टूडेंट ने सुसाइड किया; 1 दिन पहले घर पर बात की थी

यूपी के गोरखपुर की 11वीं की स्‍टूडेंट अदिति मिश्रा ने बुधवार 12 फरवरी को सुसाइड कर लिया। अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा ‘मम्मी-पापा सॉरी। मुझे माफ कर दो, मैं ये नहीं कर पाई।’ JEE मेन्स सेशन-1 का रिजल्ट 11 फरवरी को जारी हुआ है। 18 साल की अदिति JEE मेन्स में फेल हो गई थी। एक दिन पहले ही पिता से कहा था- मोबाइल रिचार्ज कर दो गोरखपुर में कैंट थाना क्षेत्र के बेतियाहाता मोमेंटम कोचिंग सेंटर की स्टूडेंट अदिति 2 साल से JEE की तैयारी कर रही थीं। सत्यदीप गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली अदिति ने अपने हॉस्टल रूम में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। अदिति की रूममेट के मुताबिक, 'उसने JEE का रिजल्ट आने के बाद बुधवार सुबह अपने माता-पिता से बात की थी। उसने कॉल पर अपने पिता से मोबाइल रिचार्ज करने के लिए भी कहा था। जब अदिति ने फांसी लगाई तब उसकी रूममेट बाहर गई हुई थी।' जब अदिति की रूममेट वापस लौटी और उसने दरवाजा खटखटाया तो उसे अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। जब उसने अंदर झांका तो देखा कि अदिति स्टोल से बने फंदे से लटकी हुई थी। रूममेट ने हॉस्टल वॉर्डन को जानकारी दी और फिर पुलिस को जानकारी दी गई। 22 जनवरी तक सिर्फ कोटा में 6 सुसाइड स्‍टूडेंट्स का गढ़ कहे जाने वाले कोटा में इस साल अब तक 6 बच्‍चे आत्‍महत्‍या कर चुके हैं। इनमें से 5 स्टूडेंट्स कोटा में रहकर JEE की तैयारी कर रहे थे। वहीं एक छात्रा यहां NEET की तैयारी के लिए आई थी। पखें से फांसी लगाई, एंटी हैंगिंग डिवाइस फेल सुसाइड के इन सभी 6 मामलों में सुसाइड फांसी लगाकर की गई है। इनमें 19 साल के नीरज जाट ने जिस पंखे से फांसी लगाई उसमें एंटी-हैंगिंग डिवाइस भी लगा हुआ था लेकिन फिर भी नीरज की जान नहीं बच सकी। पुलिस का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नीरज ने पंखे के कुंडे से फांसी लगाई थी। वहीं नानी के घर में फांसी लगाने वाले मनन जैन ने खिड़की के एंगल से फांसी लगाई थी। तो इसमें एंटी-हैंगिंग डिवाइस का कोई मतलब ही नहीं रहा। बाकी के सभी सुसाइड पंखे से फांसी लगाकर की गईं जहां एंटी-हैंगिंग डिवाइस था ही नहीं। ऐसे में यहां दो सवाल खड़े होते हैं…. 2024 में 17 स्टूडेंट सुसाइड, 2023 में 26 बात पिछले सालों की करें कि तो साल 2024 में कोटा में रहने वाले 17 स्टूडेंट्स ने सुसाइड किया था। पिछले साल जनवरी के महीने में 2 और फरवरी के महीने में 3 सुसाइड हुए थे। वहीं साल 2023 में कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के कुल 26 मामले सामने आए थे। लेकिन इस साल के आंकड़े पर नजर डालें तो ये चौकाने वाला है। आखिर क्यों साल शुरू होते ही एक के बाद एक स्टूडेंट्स सुसाइड कर रहे हैं? क्या एग्जाम का डर इसकी वजह हो सकती है? 'बच्चों को फेलियर हैंडल करना सिखाते ही नहीं'' MP सुसाइड प्रिवेंशन टास्क फोर्स के मेंबर और साइकेट्रिस्ट डॉ सत्यकांत त्रिवेदी ने कोटा में हो रहे स्टूडेंट सुसाइड को लेकर कहा, ‘किसी भी आत्महत्या का कोई एक कारण नहीं होता। वही एग्जाम सभी बच्चे दे रहे होते हैं। ऐसे में सुसाइड के लिए मिले-जुले फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं। इसमें जेनेटिक्स कारण, सामाजिक कारण, पियर प्रेशर, माता-पिता के एक्सपेक्टेशन्स, शिक्षा तंत्र सब शामिल है।’ डॉ त्रिवेदी कहते हैं कि कहीं न कहीं हम बच्चों को ये सिखाने में नाकामयाब हो जाते हैं कि स्ट्रेस, रिजेक्शन या फेलियर से कैसे डील करना है। आज बच्चा ये मानने लगा है कि उसका एकेडमिक अचीवमेंट उसके एग्जिस्टेंस से भी बड़ा है। बच्चा तैयारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है, जीवन छोड़ने के लिए तैयार है। सोसायटी ने प्रतियोगी परीक्षाओं को बहुत ज्यादा महिमामंडित कर दिया है जिसकी वजह से बच्चा ये महसूस करता है कि मैं पूर्ण तभी हो सकूंगा जब कोई एग्जाम क्रैक कर लूंगा। कोई एग्जाम 14-16 लाख स्टूडेंट्स दे रहे हैं लेकिन सीट्स सिर्फ कुछ हजार हैं। ऐसे में सब जानते हैं कि इसमें सिलेक्शन ना होने वाले बच्चों का नंबर ज्यादा रहेगा। लेकिन फेलियर से डील करने के लिए बच्चों को कोई तैयार करता ही नहीं है। बाल सभा में मोटीवेशन लेक्चर लगा देने से, काउंसलर लगा देने से, कोई मूवी दिखा देने से कुछ नहीं होगा। पूरे सिस्टम पर काम करना होगा। कॉपीकैट इफेक्ट के चलते बढ़ जाते हैं सुसाइड डॉ त्रिवेदी ने लगातार होती सुसाइड के पीछे एक वजह बर्थर इफेक्ट को भी कहा। इसका मतलब है कॉपीकैट सुसाइड। इसमें एक पर्टिकुलर कॉज की वजह से किसी का सुसाइड ग्लोरिफाई किया जाता है। उसी कॉज को झेल रहे दूसरे लोग भी प्रभावित होकर सुसाइड कर सकते हैं। वो कहते हैं कि यही वजह है कि सुसाइड का प्रचार-प्रसार बहुत संवेदनशीलता के साथ होना चाहिए। जैसे हम हेडिंग में लिखते हैं- वो रोता रहा, किसी ने एक न सुनी, पढ़ाई के प्रेशर में आकर बच्चे की गई जान….। इसमें बच्चे को हमने पीछे कर दिया और पढ़ाई के प्रेशर को आगे। ऐसे में पढ़ाई का प्रेशर झेल रहे बच्चे को लगेगा कि वाह ये तो अच्छा बचाव है। इस वजह से बच्चे में सुसाइड का विचार आ सकता है। 2024 में कोचिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइंस, पर नही रुके सुसाइड स्टूडेंट्स की आत्महत्या के बढ़ते मामलों, कोचिंग सेंटर्स में आग की घटनाओं और कोचिंग सेंटर्स में सुविधाओं की कमी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के लिए गाइडलाइंस जारी की। ये खबर भी पढ़ें.. दीपिका पादुकोण के साथ परीक्षा पर चर्चा:एक्ट्रेस बोलीं- डिप्रेशन को छिपाएं नहीं, बताएं; पर्याप्त नींद लें, खुली धूप में जाएं, ये सुपरपावर्स परीक्षा पे चर्चा 2025 के दूसरे एपिसोड में आज एक्‍ट्रेस और मेंटल हेल्‍थ एडवोकेट दीपिका पादुकोण बच्‍चों से बात कर रही हैं। ये एपिसोड सुबह 10 बजे रिलीज हो गया है। इस शो का प्रोमो मिनिस्‍ट्री ऑफ एजुकेशन ने कल 11 फरवरी को रिलीज किया था। पूरी खबर पढ़ें.. परीक्षा पे चर्चा एपिसोड 3:गौरव चौधरी, राधिका गुप्ता बोले- AI से टाइमटेबल बनवाएं, मुश्किल टॉपिक्‍स समझें; टेक्‍नोलॉजी को अपना गुलाम बनाएं परीक्षा पे चर्चा 2025 के तीसरे एपिसोड में आज गौरव चौधरी (टेक्निकल गुरुजी) और एंटरप्रेन्योर राधिका गुप्ता टेक्नोलॉजी से जुड़ी बातें स्टूडेंट्स से शेयर कीं। पूरी खबर पढ़ें


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