माता-पिता के झगड़ों के चलते अकेले रहने का फैसला किया:ट्रैवल फोटोग्राफर थे प्रयागराज के IIT बाबा; 3 इडियट्स के फरहान जैसी कहानी

इन दिनों सोशल मीडिया पर ‘IITवाले बाबा’ या ‘इंजीनियर बाबा’ काफी वायरल हो रहे हैं। ये बाबा प्रयागराज महाकुंभ मेले में आए हुए हैं और लोग इनकी बातों से खासा आकर्षित भी हो रहे हैं। दरअसल, ये IIT बाबा हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह हैं। ये दावा करते हैं कि इन्होंने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और इसके बाद नौकरी के लिए कनाडा चले गए। 3 इडियट्स के फरहान जैसी है जर्नी खुद अभय के अनुसार, वो IIT बॉम्बे में पढ़ाई के लिए करीब 4 साल मुंबई में रहे। इसी दौरान फोटोग्राफी और आर्ट्स में इनकी दिलचस्पी बढ़ गई। अभय के जीवन का ये दौर कुछ वैसा ही था जैसे फिल्म 3 इडियट्स में फरहान का दौर चल रहा था। इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद कैंपस प्लेसमेंट के जरिए उन्हें नौकरी मिल गई और उसके लिए अभय कनाडा चले गए। लेकिन फोटोग्राफी के पैशन के लिए उन्होंने इंजीनियरिंग से दूरी बना ली। इसके बाद अभय ने ट्रैवल फोटोग्राफी में एक प्रोफेशनल कोर्स भी किया और इस कोर्स ने अभय की जिंदगी पूरी तरह से बदल दी। अभय कहते हैं, ‘ट्रैवल फोटोग्राफी के कोर्स ने जिंदगी को लेकर मेरी फिलॉसफी ही बदल डाली।’ कोर्स करने के बाद अभय ने फिजिक्स का कोचिंग सेंटर खोला जो ठीक-ठाक चलने लगा। इस एकेडमिक सक्सेस के बावजूद वो जीवन से संतुष्ट नहीं था। इसी दौरान उनका इंट्रेस्ट अध्यात्म की ओर बढ़ गया और जीवन से जुड़े सत्य को खोजने में अभय ने अपनी लाइफ डेडिकेट करने की ठान ली। इंस्‍टाग्राम पर 88 हजार से ज्‍यादा फॉलोवर्स कुंभ में अभय की तार्किक बातों ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। पिछले कुछ दिनों में इंस्टा पर उनकी फॉलोइंग भी बढ़ी है। फिलहाल 88,000 से भी ज्यादा लोग उन्हें फॉलो करते हैं। कुंभ कवर कर रहे पत्रकारों से अभय अंग्रेजी में बतियाते हैं, अध्यात्म का ज्ञान साइंस के मिश्रण के साथ पेश करते हैं और बिल्कुल साधारण सी वेशभूषा में रहते हैं। यही उनकी पॉपुलैरिटी की खास वजह है। वहीं सोशल मीडिया पर वो मेडिटेशन, योगा, स्पिरिचुअल प्रैक्टिस और पुराने सूत्रों के बारे में बात करते हैं। परिवार चाहता है घर लौट आएं अभय हरियाणा के झज्‍जर में रहने वाले अभय सिंह के पिता करन गिरेवाल एक वकील हैं। बेटे के बारे में बात करते हुए वो कहते हैं, ‘परिवार चाहता है कि अभय घर लौट आएं। लेकिन इतना कुछ प्राप्त करने के बाद उसके लिए लौटना आसान नहीं होगा।’ करन गिरेवाल बताते हैं कि अभय पढ़ाई-लिखाई में हमेशा बहुत अच्छे रहे हैं। IIT से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली और कनाडा में नौकरी की लेकिन मन नहीं लगा। वो हमेशा से अध्यात्म की ओर रुझान रखते ही थे और यही वजह है कि वो अक्सर शिमला, धर्मशाला और मसूरी जैसी जगहों पर जाते रहते थे। फाइनली एक दिन अभय ने संन्यासी बनने की ठान ली। पिता कहते हैं, ‘6 महीने पहले तक मैं अभय के टच में था लेकिन उसके बाद उसने हम सभी को ब्लॉक कर दिया।’ माता-पिता के झगड़ों को देखकर बड़े हुए अभय सिंह ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए बताया कि घरेलू हिंसा का उनपर गहरा प्रभाव पड़ा। वो कहते हैं कि उनके माता-पिता अक्सर झगड़ा और मारपीट करते थे। इससे दूर रहने के लिए वो हर समय बस पढ़ाई करते रहते थे। पढ़ाई उनके लिए घर में होने वाले झगड़ों से बचने का एक जरिया था। माता-पिता के झगड़ों का अभय पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि उन्होंने सारी जिंदगी शादी न करने का फैसला भी किया। एजुकेशन की ऐसी ही और खबरों के लिए पढ़ें... 1. पाकिस्‍तानी स्‍टूडेंट ने भारतीय UPSC टीचर को कहा शुक्रिया:लिखा- मेरे मेंटर बनने के लिए धन्‍यवाद; लोगों ने कहा- शिक्षा की कोई बाउंड्री नहीं पाकिस्‍तान के एक स‍िविल सर्विस एग्‍जाम स्‍टूडेंट का भारतीय UPSC टीचर को भेजा मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूरी खबर पढ़ें...


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