इजरायल के साथ जारी सीजफायर समझौते के बीच फिलिस्तीनी संगठन हमास (Israel-Hamas War) ने पहली बार अपने मिलिट्री चीफ मोहम्मद दाइफ (Mohammed Deif) की मौत को कंफर्म किया है. इजरायल ने 13 जुलाई 2024 को गाजा के अल-मवासी कैंप पर एयर स्ट्राइक की थी. इस हमले में 90 लोग मारे गए थे. 300 से ज्यादा घायल हुए थे. उसके बाद इजरायली आर्मी ने दावा किया था कि इजरायल की एयर स्ट्राइक में हमास की मिलिट्री का चीफ दाइफ मारा गया है. हालांकि, अगले ही दिन हमास ने इस दावे को खारिज कर दिया था. अब 6 महीने बाद गुरुवार को हमास ने बयान जारी कर बताया कि इजरायल के एयर स्ट्राइक में मिलिट्री चीफ दाइफ की मौत हो गई थी. दूसरी ओर इजरायल (Israel) ने गुरुवार को 110 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है.
मोहम्मद दाइफ लंबे समय से हमास का शैडो मिलिट्री लीडर था. दाइफ लंबे समय कर इजरायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शुमार था. उसे 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए रॉकेट हमलों का मास्टर माइंड माना जाता है. इस दिन हमास ने गाजा पट्टी से इजरायल की तरफ 5 हजार से ज्यादा रॉकेट और मिसाइलें दागी थीं. यही नहीं, हमास के लड़ाकों ने सुरंग के रास्ते घुसपैठ की और इजरायल में सैकड़ों नागरिकों की हत्या कर दी. हमास के लड़ाके 250 से ज्यादा इजरायली नागरिकों को बंधक बनाकर गाजा लेकर गए थे.
फिर इजरायल ने शुरू किया हमास को खत्म करने का ऑपरेशन
हमास के रॉकेट हमलों के बाद इजरायल ने हमास का नाम-ओ-निशान मिटाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया था. जिसके बाद गाजा में जंग की शुरुआत हो गई. 15 महीने से चल रही जंग पर फिलहाल सीजफायर के चलते रुकी है. इस दौरान हमास बंधक बनाए गए इजरायलियों को रिहा कर रहा है. बदले में इजरायल भी हमास के कैदियों और फिलिस्तीनियों को छोड़ रहा है.
हमास ने 3 फेज में रिहा किए 11 इजरायली बंधक
इसी कड़ी में गुरुवार को इजरायल के 3 और थाईलैंड के 5 बंधकों को रिहा कर दिया गया है. इन सभी लोगों को हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को बंधक बना लिया था. हमास ने दो फेज में बंधकों को रिहा किया है. सबसे पहले इजरायली बंधक अगम बर्गर को जबालिया से रिहा किया गया. इसके बाद 7 बंधकों को खान यूनिस से छोड़ा गया. अब तक 3 चरणों में 11 इजरायली बंधकों की रिहाई हो चुकी है. इसमें 10 इजरायली महिला बंधक और 1 बुजुर्ग बंधक को रिहा किया जा चुका है.
इजरायल ने छोड़े 110 फिलिस्तीन कैदी
इसके जवाब में इजरायल ने गुरुवार को दो बसों में फिलिस्तीन के 110 कैदियों को रिहा किया. ये बसें देर रात कब्जे वाले वेस्ट बैंक के रामल्ला पहुंचीं. बसों को देखते ही सैकड़ों फिलिस्तीनियों ने खुशी जताई. इजरायल अब तक 400 से ज्यादा फिलिस्तीनियों की रिहाई कर चुका है.
3 फरवरी को सीजफायर का अगला फेज
अब 3 फरवरी से सीजफायर के अगले फेज पर चर्चा होनी है. इसका मकसद जंग को स्थायी तौर पर खत्म करना है.
मोहम्मद दाइफ के बारे में जानिए
-मोहम्मद दाइफ 2002 से हमास के मिलिट्री विंग का हेड था. वह 1965 में गाजा के खान यूनिस कैंप (रिफ्यूजी कैंप) में पैदा हुआ था. उस समय गाजा पर मिस्र का कब्जा था.
-दाइफ ने बचपन से ही उसने अपने रिश्तेदारों को फिलिस्तीन की लड़ाई लड़ते देखा था. हमास की स्थापना 80 के दशक के आखिर में हुई. तब से दाइफ इससे जुड़ गया था. उस समय उसकी उम्र 20 साल के आसपास रही होगी.
-इसी समय वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी पर इजरायल के कब्जे के खिलाफ पहले फिलिस्तीनी इंतिफादा या विद्रोह की शुरुआत हुई थी. इस दौरान दाइफ को आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था. इसके बाद से पब्लिक डोमेन भी दाइफ की कोई फोटो सामने नहीं आई थी.
-1993 में इजरायल-फिलिस्तीन से हजारों मील दूर अमेरिका में एक समझौता हुआ, जिसे ओस्लो समझौते के नाम से जाना जाता है. इस समझौते के तहत 10 सितंबर 1993 को इजरायल को मान्यता दे दी गई थी.
-हमास को ये बात रास नहीं आई. उसका कहना था कि फिलिस्तीन को वो सारी जमीन वापस की जानी चाहिए जो उसके पास 1948 के अरब-इजराइल युद्ध के पहले तक थी. दाइफ ने इसके बाद से इजरायल के खिलाफ हमले की कई प्लानिंग की.
-दाइफ सालों से इजरायल की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में टॉप पर था. अमेरिका के विदेश विभाग ने 2014 में उसे आतंकवादी घोषित किया था.
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