Punjab: सुखबीर सिंह बादल पर हुआ जानलेवा हमला, गोल्डन टेंपल के बाहर हुई फायरिंग

पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमाल हुआ है। एक व्यक्ति ने उनपर फायरिंग की है।हालांकि, इस हमले में वह बाल-बाल बच गए। यह घटना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बाहर हुई जहां सुखबीर बादल गार्ड के रूप में कार्यरत थे।



#WATCH | Punjab: Bullets fired at Golden Temple premises in Amritsar where SAD leaders, including party chief Sukhbir Singh Badal, are offering 'seva' under the religious punishments pronounced for them by Sri Akal Takht Sahib, on 2nd December. pic.twitter.com/rLlMyRWo9S
— ANI (@ANI) December 4, 2024



 आपको बता दें कि पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल मंगलवार से अमृतसर के स्वर्ण मंदिर यानी श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे के बाहर पहरा देकर अपनी सजा काट रहे हैं. वह मंगलवार दोपहर व्हीलचेयर पर गुरुद्वारा पहुंचे। उसके गले में दोषी होने की निशानी भी लटक रही है। अपनी सजा के पहले दिन उन्होंने स्वर्ण मंदिर की सामुदायिक रसोई में बर्तन भी साफ किये। इस दौरान उन्होंने सैनिकों की पोशाक पहनी थी। रखवाली के लिए हाथ में भाला।  आपको बता दें कि सुखबीर सिंह बादल के पैर में फ्रैक्चर है, इसलिए प्लास्टर लगा हुआ है और वह व्हीलचेयर पर निगरानी रख रहे हैं। 


सुखबीर बादल को क्या सुनाई गई सजा?


सिख समुदाय के 'सुप्रीम कोर्ट' यानी श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा दी है। वह गुरुद्वारे में सेवा करेगा. बर्तन भी धोऊंगी और रखवाली भी करूंगी। श्री दरबार साहिब में बने सार्वजनिक शौचालयों की भी सफाई करेंगे। जत्थेदार श्री अकाल तख्त ने 2007 से 2017 तक अकाली दल सरकार के दौरान धार्मिक गलतियों के लिए बादल और उनकी पार्टी के नेताओं को सजा सुनाई है। अकाली नेता उसी सजा की भरपाई सजा काट कर कर रहे हैं। 


सुखबीर बादल पर क्या है आरोप ?


अकाल तख्त सुखबीर बादल और उनकी कैबिनेट के खिलाफ दोषी साबित हुआ है। आरोप है कि बादल ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को ईशनिंदा मामले में माफी दिलाने में मदद की है। इसके लिए बादल ने राम रहीम के खिलाफ शिकायत वापस लेने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और संगत के पैसे से राजनीतिक विज्ञापन करवाए गए। डीजीपी सुमेध सैनी की नियुक्ति को धार्मिक अपराध करार दिया गया है। 


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