नौसेना दिवस 2024 के अवसर पर भारतीय नौसेना आज यानी बुधवार को ओडिशा के पुरी स्थित ब्लू फ्लैग बीच पर अपनी संचालन क्षमता और कौशल का प्रदर्शन (ऑपरेशन डेमो) करेगी। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि भारत की राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर श्रीमती द्रौपदी मुर्मु होंगी। इस कार्यक्रम की मेज़बानी नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी करेंगे।
इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सैन्य गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय जनता भी उपस्थित रहेगी। यह दूसरी बार है जब भारतीय नौसेना किसी बड़े नौसैनिक स्टेशन से अलग किसी स्थान पर इतने बड़े आयोजन का आयोजन कर रही है।
ऑपरेशन डेमो में कुल 90,000 टन की सम्मिलित क्षमता वाले युद्धपोत, हथियार और सेंसर शामिल होंगे, जिनमें 300 किमी की परिधि में सतह, पानी के नीचे या हवा से उत्पन्न किसी भी खतरे को निष्प्रभावी करने की क्षमता होगी। समुद्र में ऑपरेशन के लिए 3500 नौसैनिक और तट पर समन्वय के लिए 350 कर्मचारी शामिल होंगे।
भारतीय नौसेना और ओडिशा के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंध हैं। प्राचीन ओडिशा अपने विस्तृत समुद्री संबंधों के लिए प्रसिद्ध था, जो इसकी पहचान और समृद्धि का केंद्र थे। ओडिशा एक प्रमुख समुद्री शक्ति था और यहां के व्यापारी और नाविक खाड़ी देशों के साथ व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान करते थे।
नौसेना दिवस 2024 के समारोहों में भारतीय नौसेना की स्वदेशी, अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन होगा। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति सरकार के संकल्प और भारतीय महासागर क्षेत्र में ‘प्राथमिक सुरक्षा भागीदार और प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले’ बनने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। यह ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की अवधारणा का मार्गदर्शक है।
भारतीय नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा कराची बंदरगाह पर किए गए साहसी हमले की याद में मनाया जाता है। यह दिन उन वीर नौसैनिकों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके तहत कराची बंदरगाह को गंभीर क्षति पहुंचाई गई। आज भारतीय नौसेना एक सशक्त बल है, जो हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
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इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सैन्य गणमान्य व्यक्ति और स्थानीय जनता भी उपस्थित रहेगी। यह दूसरी बार है जब भारतीय नौसेना किसी बड़े नौसैनिक स्टेशन से अलग किसी स्थान पर इतने बड़े आयोजन का आयोजन कर रही है।
ऑपरेशन डेमो में कुल 90,000 टन की सम्मिलित क्षमता वाले युद्धपोत, हथियार और सेंसर शामिल होंगे, जिनमें 300 किमी की परिधि में सतह, पानी के नीचे या हवा से उत्पन्न किसी भी खतरे को निष्प्रभावी करने की क्षमता होगी। समुद्र में ऑपरेशन के लिए 3500 नौसैनिक और तट पर समन्वय के लिए 350 कर्मचारी शामिल होंगे।
भारतीय नौसेना और ओडिशा के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंध हैं। प्राचीन ओडिशा अपने विस्तृत समुद्री संबंधों के लिए प्रसिद्ध था, जो इसकी पहचान और समृद्धि का केंद्र थे। ओडिशा एक प्रमुख समुद्री शक्ति था और यहां के व्यापारी और नाविक खाड़ी देशों के साथ व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान करते थे।
नौसेना दिवस 2024 के समारोहों में भारतीय नौसेना की स्वदेशी, अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन होगा। यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति सरकार के संकल्प और भारतीय महासागर क्षेत्र में ‘प्राथमिक सुरक्षा भागीदार और प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले’ बनने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा। यह ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की अवधारणा का मार्गदर्शक है।
भारतीय नौसेना दिवस हर साल 4 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना द्वारा कराची बंदरगाह पर किए गए साहसी हमले की याद में मनाया जाता है। यह दिन उन वीर नौसैनिकों की बहादुरी और बलिदान को श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
1971 के युद्ध में भारतीय नौसेना ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके तहत कराची बंदरगाह को गंभीर क्षति पहुंचाई गई। आज भारतीय नौसेना एक सशक्त बल है, जो हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे सुरक्षा सुनिश्चित करती है।
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