इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की दोहरी नागरिकता के मामले में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की. अदालत ने केंद्र सरकार को इस मामले में अब तक की गई कार्यवाही का ब्योरा 24 मार्च तक पेश करने का निर्देश दिया है.
सुनवाई के दौरान, अदालत ने केंद्र से पूछा कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए आवेदन पर क्या कदम उठाए गए हैं. मामले में अगली सुनवाई के लिए केंद्र को निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा गया है. याचिका में राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता को लेकर सवाल उठाए गए हैं, जिस पर अदालत ने केंद्र से स्पष्ट रुख पेश करने की अपेक्षा जताई है.
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस जसप्रीत सिंह की बेंच ने यह आदेश कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस विगनेश शिशिर की याचिका पर दिया. याचिकाकर्ता ने राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता मामले में CBI जांच की मांग भी की थी. याचिका इस दावे के आधार पर दाखिल हुई थी कि राहुल गांधी भारत के बजाय ब्रिटेन के नागरिक हैं. ऐसे में वह संविधान के अनुच्छेद 84(ए) के तहत चुनाव लड़ने को अयोग्य थे. कोर्ट ने बीती जुलाई में राहुल गांधी के सांसद के रूप में चुनाव को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को याचिकाकर्ता द्वारा वापस लेने पर खारिज कर दिया था.
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गांधी की नागरिकता को लेकर ऐसी ही याचिका दायर की थी. हालांकि, न्यायालय ने कहा था कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष दायर याचिकाओं पर स्पष्टता मिलने के बाद वह मामले की सुनवाई करेगा.
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