सामने घना जंगल और ऊपर नक्सलियों के ड्रोन... पोलिंग अफसर ने शेयर किया कैसे कराई थी वोटिंग

NDTV ने शुक्रवार को 'इंडियन ऑफ द ईयर' (NDTV Indian of The Year) अवॉर्ड में देश के रियल हीरो को सम्मानित किया. इस दौरान चुनाव अधिकारियों की एक टीम को 'NDTV इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया. 
इस टीम में देशभर के वे सरकारी अधिकारी कर्मचारी हैं, जो चुनाव कराने के लिए दूरदराज के इलाकों में कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं. इवेंट में इन पोलिंग ऑफिसरों ने अपने अनुभव शेयर किए. इस दौरान छत्तीसगढ़ के कांकेर के पोलिंग ऑफिसर टिकेश कुमार साहू ने नक्सल प्रभावित इलाके में चुनाव कराने का एक्सपीरिएंस शेयर किया है.

पोलिंग टीम पर नक्सलियों के ड्रोन की नजर  
छत्तीसगढ़ के कांकेर के पोलिंग ऑफिसर टिकेश कुमार साहू ने नक्सल प्रभावित इलाके में मतदान कराया था. अपना एक्सपीरिएंस शेयर करते हुए साहू बताते हैं, "छत्तीसगढ़ के बस्तर डिवीजन में 102 गांव ऐसे हैं, जहां आजादी के बाद लोगों ने पहली बार अपने ही गांव में मतदान किया था. नक्सल प्रभावित क्षेत्र में मतदान कराना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है. हमें मतदान के दिन से तीन दिन पहले घर से निकलना पड़ा था."

71 प्रतिशत वोटिंग कराई
उन्होंने आगे बताया, "हेलिकॉप्टर से हमें BSF कैंप में ड्रॉप किया गया. फिर 5 किलोमीटर घने जंगलों में से चलते हुए हम पोलिंग बूथ पर पहुंचे थे. जब हम रास्ते में थे, तो नक्सलियों के ड्रोन हम पर नजर रख रहे थे. हमारे साथ काफी सुरक्षा व्यवस्था थी, इसलिए हम 71 प्रतिशत वोटिंग कराकर सकुशल वापस आ गए."  

तमिलनाडु के दक्षिण चेन्नई के वालाचेरी विधानसभा क्षेत्र की ट्रांसजेंडर पोलिंग अधिकारी एम राधा, झारखंड के पलामू की चुनाव अधिकारी अनीता मिंज, जम्मू कश्मीर के खान साहिब विधानसभा क्षेत्र की राहिला सैयल रफीकी, जम्मू कश्मीर के पोलिंग स्टेशन लुसाने के चुनाव अधिकारी सूरज सिंह, अंडमान और निकोबार के पोलिंग अधिकारी टी रामाराव, छत्तीसगढ़ के कांकेर के पोलिंग आफिसर टिकेश कुमार साहू और अरुणाचल प्रदेश के इटानगर की पोलिंग अधिकारी डॉ चिलो लिमा को 'NDTV इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड' दिया गया है.

ट्रैक्टर में बैठकर नदी पार करके पहुंचे थे पोलिंग बूथ-अनीता मिंज 
झारखंड के पलामू की चुनाव अधिकारी अनीता मिंज ने नक्सल प्रभावित इलाके में ड्यूटी की. वहां चुनाव कराना मुश्किल काम था. NDTV के इवेंट में अनीता मिंज कहती हैं, "मैंने लोगों को चुनाव के विषय में बताया. उन्हें बताया कि वोट देना हमारा बड़ा अधिकार है. मैंने उन्हें पोलिंग बूथ तक और वोट डालने के लिए प्रेरित किया. पोलिंग बूथ 20 किलोमीटर दूर था. वहां कच्ची सड़कों से होकर जाना पड़ता था. रास्ते में एक नदी भी पार करनी पड़ती है. हमारी टीम ने ट्रैक्टर में बैठकर नदी पार की और बूथ तक गए. वहां चुनाव कराए."           

ट्रांसजेंडर पोलिंग ऑफिसर एम राधा ने बताया एक्सपीरियंस
'NDTV इंडियन ऑफ द ईयर अवॉर्ड' से सम्मानित ट्रांसजेंडर पोलिंग ऑफिसर ने इस दौरान अपने अनुभव शेयर किए. एम राधा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई की ट्रांसजेंडर पोलिंग ऑफिसर हैं. उन्होंने कहा, "मैं चेन्नई में सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करती हूं. लोकतंत्र की सफलता वोट और वोटर की समावेशिता है. संविधान में ट्रांसजेंडर सहित समाज के सभी वर्गों को वोटिंग का अधिकार प्राप्त है. हमें इसे बढ़ावा देना चाहिए."  

पहली बार देश की सेवा करने का मिला मौका-राहिला सैयल रफीकी 
जम्मू कश्मीर के खान साहिब विधानसभा क्षेत्र की राहिला सैयल रफीकी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराना कितना कठिन था. उन्होंने कहा कि वास्तव में यह मेरे लिए बड़ी चुनौती थी. यह पहला मौका था जब मुझे देश की यह सेवा करने का अवसर मिला. उन्होंने कहा, "वहां सिर्फ महिला कर्मचारियों की ड्यूटी थी. हमने वहां बहुत अच्छे से मैनेज किया. हमने इलाके में लोगों के घर पहुंचकर उन्हें वोट डालने के लिए जागरूक किया. तो सब अच्छे से हो गया."



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