कभी थे मजदूर, अब हैं कंपनी के मालिक; झारखंड के 'गोल्ड मैन' की कहानी जानकर हैरान हो जाएंगे

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती पर बुधवार को रांची में झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सोने के भारी-भरकम गहनों से लदे एक शख्स ने हर किसी का ध्यान खींच लिया. इनका नाम है ठाकुर मनोज सिंह और इन दिनों ये देश में ‘गोल्ड मैन' के रूप में मशहूर हो रहे हैं.

दरअसल, इस शख्स ने अपनी मेहनत की बदौलत फर्श से अर्श तक की कामयाबी का ऐसा सफर तय किया है, जिसकी दास्तां बेहद शानदार है. तीन दशक पहले मोटिया मजदूर के तौर पर मुंबई पहुंचे मनोज की गिनती आज महाराष्ट्र के बड़े कारोबारी के तौर पर होती है. अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनी में उन्होंने करीब 500 लोगों को नौकरी दे रखी है.

ठाकुर मनोज सिंह मूल रूप से झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत चौपारण प्रखंड के एक छोटे से गांव कुतलू के रहने वाले हैं. परिवार की माली हालत बेहद खराब थी. ऐसे में मनोज ने 18 साल की उम्र में मुंबई का रुख किया. मुंबई में कई रोज भटकने के बाद कोई काम नहीं मिला, तो उन्होंने मोटिया मजदूरी शुरू की. कभी कंधे पर, तो कभी ठेले पर सामान ढोते. बाद में उन्हें एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में नौकरी मिल गई.

ट्रांसपोर्टिंग के क्षेत्र का अनुभव हुआ तो वर्ष 2010 में उन्होंने अपनी एक छोटी ट्रांसपोर्ट कंपनी बनी ली. इस कंपनी ने पहले मुंबई से राजकोट तक माल भेजने का काम शुरू किया. उन्होंने जमकर मेहनत की. वक्त ने साथ दिया. तरक्की हुई और कुछ ही वर्षों में ट्रांसपोर्टिंग कंपनी बड़ी हो गई. आज कंपनी के पास 100 से भी ज्यादा ट्रक हैं. मुंबई और आसपास के इलाके में रहने वाले झारखंड के करीब 15 लाख लोगों के बीच वे बेहद लोकप्रिय हैं.

मनोज राजनीति में भी सक्रिय हैं. वर्ष 2014 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ली. तत्कालीन शिक्षा मंत्री सह मुंबई के भाजपा अध्यक्ष आशीष सेलार के साथ उन्हें काम करने का मौका मिला. इसी दौरान उन्होंने पार्टी फोरम पर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ‘झारखंड सेल' के गठन का प्रस्ताव रखा. पार्टी ने प्रस्ताव स्वीकार किया और 7 जनवरी 2021 को ‘झारखंड सेल' का गठन हुआ. ठाकुर मनोज सिंह ही इसके अध्यक्ष बनाए गए.

ठाकुर मनोज सिंह बताते हैं कि मुंबई और आसपास के इलाकों में झारखंड के लगभग 15 लाख लोग रहते हैं. मनोज इनकी एकजुटता के लिए भी काम कर रहे हैं.

वह कहते हैं कि झारखंड मेरी जन्मभूमि है, तो महाराष्ट्र कर्मभूमि. वह मुंबई में भाजपा के ‘झारखंड सेल' की ओर से हर वर्ष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जिसमें झारखंड भाजपा के बड़े नेता भी शामिल होते हैं.

सोने के गहनों के शौक के बारे में वह बताते हैं कि इन्होंने बचपन में बहुत गरीबी देखी है और हमेशा मेहनत की बदौलत धन कमाने के सपने देखा करते थे. ईश्वर ने उन्हें सफलता दी और इसीलिए वह बिंदास लाइफ स्टाइल के साथ जीते हैं. सोने के आभूषण उन्हें बेहद पसंद हैं.



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