मां ने स्कूल जाने के लिए जगाया तो बेटे ने कर दी हत्या, 5 दिन तक रहा लाश के साथ

सुबह-सुबह जब एक महिला अपने 11वीं क्लास में पढ़ने वाले बेटे को स्कूल जाने के लिए जगाने के लिए उसके बेडरूम में गई तो उसे नहीं पता था कि वह बेटा ही उसकी मौत का कारण बन जाएगा. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में तीन दिसंबर को  महिला आरती देवी वर्मा अपने 17 साल के बेटे अमन से स्कूल जाने के लिए उठने को कहा. लेकिन अमन का मन स्कूल जाने का नहीं था. वह उठने के लिए कहने पर गुस्से में आ गया और अपनी मां को जमीन पर धकेल दिया. इससे आरती देवी  की सिर दीवार से जोर से टकराया. उनको गहरी चोट लगी और उनकी मौत हो गई. 

अपनी मां की हत्या करने के बाद अमन ने सीसीटीवी के कनेक्शन काट दिए. उसने घर को बाहर से बंद कर दिया और चार दिनों तक घर के अंदर शव के साथ रहा. जब आरती देवी का शव सड़ने लगा और बदबू आने लगी तो उसने अगरबत्ती जलाना शुरू कर दिया. पांचवें दिन अमन घर से बाहर निकला और पास के मंदिर में बैठ गया.

पत्नी से बात न होने पर वैज्ञानिक हुआ चिंतित

आरती देवी के पति राम मिलन, जो कि चेन्नई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक हैं, ने उन्हें कई बार कॉल किया लेकिन उन्हें फोन बंद मिलता रहा.  जब आरती से दो-तीन दिन तक राम मिलन की फोन पर बात नहीं हो सकी तो उनको चिंता हुई. उन्होंने अपनी साली ज्ञांती देवी को फोन किया और उससे अपने परिवार के बारे में पता लगाने के लिए कहा.

इस घटना का खुलासा तब हुआ जब राम मिलन की साली उनके घर गईं. उनको घर अंदर से बंद मिला. घर से तेज बदबू आ रही थी. इससे यह साफ हो गया कि घर के अंदर कुछ घटित हुआ है.

राम मिलन ने कहा, "मैं 8 दिसंबर को गोरखपुर वापस आया. मैंने अपनी पत्नी का शव खून से लथपथ देखा."

घटना की पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. लड़का पास के मंदिर में एक तालाब के पास बैठा मिला. 

अमन के बयान में विरोधाभास था

शुरू में अमन ने पुलिस को बताया कि उसकी मां की मौत गिरने से हुई. वह घबरा गया और घर से भाग गया और चार दिनों तक भटकता रहा. हालांकि जांच में सवाल उठे. पुलिस को दो अलग-अलग जगहों पर खून के धब्बे मिले, जिससे संकेत मिला कि शव को घसीटा गया था. उन्होंने किशोर के कमरे से पैसे भी बरामद किए.

पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से यह भी पुष्टि हुई की घर में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं आया. पुलिस ने कहा कि लड़के के कमरे की तलाशी के दौरान 500, 200 और 100 रुपये के नोट बरामद हुए.

पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पूरे घटनाक्रम का खुलासा हुआ. उन्होंने बताया, 'दो घंटे की पूछताछ के बाद किशोर ने स्वीकार किया कि उसने बहस के दौरान अपनी मां को धक्का दे दिया था जिससे उनके सिर में घातक चोट लग गई थी.

नशे का आदी है किशोर

पुलिस ने बताया कि, ‘‘पूछताछ के दौरान लड़के ने मंगलवार की शाम को कबूल किया कि तीन दिसंबर की सुबह उसकी मां ने उसे स्कूल जाने के लिए कहा था. जब उसने मना किया तो उनके बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ और उसकी मां ने झल्लाहट में उस पर पैसे फेंके.''

पुलिस के मुताबिक, ‘‘गुस्से में आकर उसने अपनी मां को धक्का दे दिया, जिससे उनके सिर में जानलेवा चोट आई.'' पुलिस ने बताया कि किशोर को हिरासत में ले लिया गया है.

पड़ोसियों के अनुसार, अमन नशे का आदी है. वह कोचिंग के नाम पर अपनी मां से पैसे लेता था, लेकिन उसे शराब और ड्रग्स पर खर्च कर देता था. बताया जाता है कि स्कूल में भी अमन के खिलाफ शिकायतें थीं. अमन के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. 

आरती देवी अपने बेटे के साथ गोरखपुर के पिपराइच स्थित सुशांत सिटी में रहती थी, जबकि उनके पति काम के लिए चेन्नई में रहते थे. उनकी बड़ी बेटी एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर में रहती है.

(इनपुट एजेंसियों से)

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