एडीएम ने किया संविधान प्रदर्शनी का उद्घाटन:विशेषज्ञों ने संविधान में दिए अधिकारों की रक्षा करने पर दिया जोर

संविधान दिवस पर करौली में संविधान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। संविधान प्रदर्शनी का एडीएम हेमराज परिडबाल ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना, उद्देश्य और आवश्यकता को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में आमजन को संविधान की अधिक से अधिक जानकारी देने, संविधान के दायरे में काम करने और संविधान में दिए अधिकारों की रक्षा पर वक्ताओं ने जोर दिया। इस दौरान शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। संविधान प्रदर्शनी में संविधान के उद्देश्य, प्रस्तावना और विभिन्न यादगार फोटो का प्रदर्शन किया गया। एडीएम हेमराज परिडबाल ने संगोष्ठी में कहा कि संविधान का निर्माण आमजन की सुविधा और सफल संचालन के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना और उद्देश्य में देश की विविधता और एकता को बनाए रखने के लिए आवश्यक तत्वों को शामिल किया गया है। करौली के प्रसिद्ध इतिहासकार वेणुगोपाल शर्मा ने कहा कि संविधान का निर्माण जिस उद्देश्य किया गया उसे पूरा करने के लिए जान-जान को संविधान की जानकारी देने समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में संविधान के प्रचार प्रसार के लिए संगोष्ठियों का आयोजन करने और संविधान में प्रदत्त अधिकारों की व्याख्या के लिए जागरूकता पर जोर दिया इस दौरान रामस्वरूप चतुर्वेदी ने कहा कि जिस प्रकार संविधान में आमजन को अधिकार दिए हैं। इसी प्रकार कर्तव्य भी दिए गए हैं। प्रत्येक देशवासी को संविधान में अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी पालन करना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने समय-समय पर आवश्यकता अनुसार संशोधन पर भी बल दिया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए करौली राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य विश्राम बैरवा ने कहा कि संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इसके पीछे उद्देश्य ये था कि 26 जनवरी को ही पहली बार देश की स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाई गई थी। स्वतंत्रता आंदोलन को यादगार बनाए रखने के लिए ही 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया क्या। इस दौरान लियाकत अली, बृज किशोर शर्मा, राजेश मीणा, ओम प्रकाश माली, कन्हैयालाल शर्मा, पीआरओ धर्मेंद्र मीणा सहित अन्य मौजूद रहे।


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