अमेरिका से हरी झंडी मिलने के बाद यूक्रेन ने मंगलवार को रूस पर लंबी दूरी की मिसाइल से हमला किया. यूक्रेन ने इस जंग के दौरान पहली बार लंबी दूरी की मिसाइल का इस्तेमाल किया है. इस हमले पर रूस ने कहा कि यूक्रेन ने ब्रांस्क सीमा क्षेत्र में एक सैन्य अड्डे पर अमेरिका की शह मिलने के बाद ये मिसाइलें दागी है. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ है और ना ही कोई क्षति हुई है.
यूक्रेन महीनों से मांग कर रहा था कि वाशिंगटन उसे रूसी क्षेत्र में साइटों पर हमला करने के लिए लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलों का उपयोग करने दे.
मॉस्को ने कहा है कि रूस के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र पर हमला करने के लिए पश्चिमी देशों के हथियारों का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका को जंग में प्रत्यक्ष भागीदार बना दिया है. इसका उचित जवाब दिया जाएगा.
अपने बयान में, रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके एयर डिफेंस ने पांच मिसाइलों को मार गिराया है, जबकि छठे के टुकड़े एक सैन्य अड्डे पर गिरे, जिससे एक छोटी जगह पर आग लग गई.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस की सैन्य क्षमताओं की यूक्रेन से कोई तुलना ही नहीं है और कोई भी मिसाइल यूक्रेन की मदद नहीं कर सकती.
पेस्कोव ने कहा, ‘‘बाइडन प्रशासन युद्ध के लिए खड़ा है, शांति के लिए नहीं.''
उन्होंने कहा, ‘‘व्हाइट हाउस में बैठे अधिकारी रूसी संघ के खिलाफ अपने हथियारों का इस्तेमाल करने का फैसला लेते हैं और यह हमारे देश के इर्द-गिर्द नए माहौल का एक साक्षात उदाहरण है.''
पेस्कोव ने कहा, ‘‘संभावित दुश्मन को ये समझना चाहिए कि अगर वे रूस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने की कोशिश करते हैं तो परमाणु प्रतिक्रिया अपरिहार्य हो जाती है. अगर कोई देश पारंपरिक हथियारों से हम पर हमला करता है, लेकिन परमाणु शक्ति संपन्न किसी देश की मदद और सहायता से ऐसा करता है, तो हम इसे अपने देश के खिलाफ एक संयुक्त हमला मानेंगे.''
वहीं यूक्रेन के विदेश मंत्री ने रूस के अंदर हमलों के लिए मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति को लगभग तीन साल पुराने युद्ध में संभावित गेम चेंजर के रूप में तारीफ की.
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