UP By Election 2024: आखिरकार वही हुआ जिसका डर था. सपा (SP) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ऐलान किया कि अब उनकी पार्टी यूपी की सभी 9 सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी. पहले उन्होंने दो सीटें कांग्रेस (Congress) के लिए छोड़ दी थी, लेकिन कांग्रेस और ज्यादा सीटें चाहती थी.
अकेले क्यों
अखिलेश यादव ने सभी सीटों पर लड़ने का कारण बताते हुए एक्स पर लिखा, "‘बात सीट की नहीं जीत की है'. इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन' के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल' के निशान पर चुनाव लड़ेंगे.कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है. इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है. कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से समाजवादी पार्टी की शक्ति कई गुना बढ़ गयी है. इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी 9 विधानसभा सीटों पर ‘इंडिया गठबंधन' का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प लेकर नयी ऊर्जा से भर गया है. ये देश का संविधान, सौहार्द और PDA का मान-सम्मान बचाने का चुनाव है। इसीलिए हमारी सबसे अपील है कि एक भी वोट न घटने पाए, एक भी वोट न बंटने पाए. देशहित में ‘इंडिया गठबंधन' की सद्भाव भरी ये एकता और एकजुटता आज भी नया इतिहास लिखेगी और कल भी."
‘बात सीट की नहीं जीत की है' इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन' के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल' के निशान पर चुनाव लड़ेंगे।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 23, 2024
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस…
बीजेपी ने नहीं खोले पत्ते
बीजेपी (BJP) और उसके सहयोगी दलों की तरफ़ से अब तक उम्मीदवारों के नाम सामने नहीं आए हैं. नौ में से बीजेपी आठ पर ख़ुद लड़ना चाहती है और एक सीट आरएलडी को देने को तैयार है. हालांकि एनडीए के घटक दल निषाद पार्टी ने दो सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है. डॉ संजय निषाद बीजेपी से कटेहरी और मझवां सीट मांग रहे हैं. उनका तर्क है कि 2022 में ये दोनों सीटें गठबंधन में बीजेपी ने निषाद पार्टी को दी थीं, इसलिए उप-चुनाव में भी उन्हें उनके खाते की ये दोनों सीटें मिलनी चाहिए. हालांकि बीजेपी अब तक इस पर राजी नहीं दिखाई दे रही है.
करहल सबसे महत्वपूर्ण
इन नौ सीटों में यूं तो हर सीट महत्वपूर्ण है, लेकिन राजनैतिक प्रतिस्पर्धा को देखें तो महत्वपूर्ण सीटों में पहला नाम करहल का आता है. मैनपुरी ज़िले की करहल वो सीट है, जहां से अखिलेश यादव विधायक थे. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में सांसद बनने के बाद अखिलेश ने करहल से इस्तीफ़ा देकर अपने परिवार के तेज प्रताप यादव को यहां से टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी ने अभी अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है.
सीसामऊ में सोलंकी की साख
दूसरी महत्वपूर्ण सीट कानपुर की सीतामऊ है. इरफ़ान सोलंकी के सज़ायाफ़्ता होने की वजह से वो अयोग्य क़रार दिए गए. समाजवादी पार्टी ने सीसामऊ से इरफ़ान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया है. नसीम सोलंकी ने यहां से नामांकन भी दाखिल कर दिया है. यहां भी बीजेपी से कौन उम्मीदवार होगा, इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है.
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