बड़ा अपडेट! 2025 में जनगणना फिर लोकसभा सीटों का परिसीमन, ये है मोदी 3.0 का प्लान

भारत सरकार ने देश में जनगणना कराने की तैयारी आखिरकार शुरू कर दी है. चार साल के इंतज़ार के बाद अगले साल के शुरुआत में देश में जनगणना करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. Census 2025 से भारत की जनसंख्या में पिछले 15 साल में जो बड़े बदलाव हुए हैं, उसकी बड़ी तस्वीर सामने आएगी. इससे Sex Selection, Mortality Rate, अलग-अलग धार्मिक समुदायों की जनसंख्या में बदलाव से जुड़े अहम तथ्य सामने आएंगे. नए Census से ये जानकारी भी मिलेगी कि भारत में महिलाओं के कल्याण और Gender Ratio में कितना बदलाव हुआ है. साथ ही, लोकसभा की सीटों का Delimitation करना भी संभव हो सकेगा.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, Census 2025 के तहत भारत की जनसंख्या के बारे में आंकड़े जुटाने की प्रक्रिया अगले साल की शुरुआत में शुरू हो सकती है.

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जनगणना हर दस साल पर कराया जाता है, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से 2021 में ये नहीं हो सका. Census 2025 की फाइनल रिपोर्ट 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है. 2025 की जनगणना से Fertility Rate, Child Mortality Rate से लेकर धार्मिक समुदायों की जनसंख्या में बदलाव से जुड़े तथ्य सामने आएंगे. भारत में Sex Selection, Gender Ratio में बदलाव से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी भी मिलेगी.

सूत्रों के मुताबिक Registrar General और Census Commissioner ने 31 सवाल तैयार किये हैं, जो हर आम नागरिक से पूछे जायेंगे. इनमें घर में रहने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या, क्या घर की मुखिया एक महिला है? जैसे सवालों से लेकर घर में रहने वाले विवाहित जोड़े से जुड़ी जानकारी भी शामिल होगी.

खबर है कि SC और ST के साथ-साथ General Category के Sub Sects के बारे में भी सवाल पूछे जायेंगे और डाटा इकट्ठा किया जायेगा.

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General Category के Sub Sects का आंकड़ा महत्वपूर्ण

पापुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पूनम मुटरेजा ने एनडीटीवी से कहा, "General Category के Sub Sects के बारे में अगर आंकड़े इकट्ठा किए जाते हैं तो यह राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण होगा कि अलग-अलग समुदाय के विकास की ज़रूरतें कितनी हैं, किस Sub Sect तक सरकारी सामाजिक कल्याण की योजनाएं कितनी पहुंची, उनका उत्थान कितना हुआ, ये राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण होगा."

ये फैसला ऐसे वक्त पर लिया गया है जब कई विपक्षी दल Caste Census कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि भारत सरकार ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है.

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कांग्रेस के लोकसभा सांसद मणिकम टैगोर ने इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "आम जनगणना में SC, ST समुदाय और धार्मिक समुदायों से जुड़े आंकड़े जुटाए जाते हैं. इस जनगणना में ओबीसी समुदाय की गणना के लिए एक कॉलम सेंसस फॉर्म में शामिल किया जाना चाहिए. OBC समुदाय के बारे में यह पता होना चाहिए कि उन्हें जो 27% आरक्षण मिलता है उसकी क्या स्थिति है. राहुल गांधी ने यह मांग की थी कि ओबीसी का Census होना चाहिए, जिससे कि समुदाय को न्याय दिलाई जा सके."

सूत्रों के मुताबिक Census 2025 की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद लोकसभा की सीटों के Delimitation यानी परिसीमन की प्रक्रिया भी शुरू होगी जो 2028 तक चलेगी, यानी अगले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तक.

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पूनम मुटरेजा ने एनडीटीवी से कहा, "लोकसभा की सीटों का परिसीमन एक संवेदनशील मुद्दा है. लोकसभा के सीटों को नए सिरे से पुनर्गठित करने के लिए महत्वपूर्ण आंकड़े भी देश के सामने होंगे. अभी से ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने चिंता जताई है. जिन राज्यों ने जनसंख्या वृद्धि को रोकने में सफलता पायी है उन पर असर पड़ सकता है, ये नार्थ versus साउथ मुद्दा भी बन सकता है."

इस जनगणना से एक बड़ी तस्वीर देश के सामने होगी कि सरकारी योजनाओं का कार्यान्वयन पिछली Census के बाद कितना कारगर तरीके से हुआ है और आने वाले 10 साल में सरकार को टारगेटेड इंटरवेंशन करने के लिए किस हद तक पहल करना होगा.



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