लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में बड़ा हादसा हो गया. बता दें कि यहां तीन मंजिला इमारत ढह गई जिसके मलबे में दबकर आठ व्यक्तियों की मौत हो गई. इस हादसे में 28 अन्य घायल हुए हैं. वहीं रात में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा.
डीएम ने कहा कि जांच के बाद ही पूरी स्पष्ट वजह साफ हो पाएगी. जबकि एलडीए के ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बिल्डिंग का नक्सा 31 अगस्त 2010 को पास किया गया था. कांप्लेक्स में दवा और इंजन ऑयल कंपनियों समेत चार गोदाम थे, जिसमें 30 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे.
मरने वालों में जसमीत साहनी, पंकज तिवारी, धीरज गुप्ता, राजकिशोर, अरुण सोनकर, जगरूप सिंह, रुद्र यादव और राकेश शामिल हैं. रात के वक्त भी पुलिस के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी रही.
वहां रह रहे आस पास के लोगों ने बताया कि, जलभराव से बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गई थी. इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की गई थी लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ट्रांसपोर्टनगर व्यापार मंडल और वेयर हाउस के प्रवक्ता राजनारायण सिंह ने बताया कि जलभराव अगर नहीं हुआ होता तो यह घटना नहीं होती.
http://dlvr.it/TCykZ6
डीएम ने कहा कि जांच के बाद ही पूरी स्पष्ट वजह साफ हो पाएगी. जबकि एलडीए के ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बिल्डिंग का नक्सा 31 अगस्त 2010 को पास किया गया था. कांप्लेक्स में दवा और इंजन ऑयल कंपनियों समेत चार गोदाम थे, जिसमें 30 से ज्यादा लोग काम कर रहे थे.
मरने वालों में जसमीत साहनी, पंकज तिवारी, धीरज गुप्ता, राजकिशोर, अरुण सोनकर, जगरूप सिंह, रुद्र यादव और राकेश शामिल हैं. रात के वक्त भी पुलिस के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी रही.
वहां रह रहे आस पास के लोगों ने बताया कि, जलभराव से बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गई थी. इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की गई थी लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. ट्रांसपोर्टनगर व्यापार मंडल और वेयर हाउस के प्रवक्ता राजनारायण सिंह ने बताया कि जलभराव अगर नहीं हुआ होता तो यह घटना नहीं होती.
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