महाराष्ट्र में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाएगा अदाणी ग्रुप, इजरायल की कंपनी के साथ की पार्टनरशिप

भारत में उभरते हुए सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री को देखते हुए अदाणी ग्रुप (Adani Group) अब सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन (Semiconductor Fabrication) प्लांट बनाने जा रहा है. इसके लिए अदाणी ग्रुप ने इजरायल की कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है. अदाणी ग्रुप और इजरायल टावर सेमीकंडक्टर लिमिटेड मिलकर मुंबई के उपनगर पनवेल के तालोजा में चिप प्लांट बनाएंगे. इसमें 10 बिलियन डॉलर की लागत आएगी. महाराष्ट्र सरकार ने भी इस प्लांट को मंजूरी दे दी है.

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में सभी अप्रूव लिस्टेड प्रोजेक्ट की जानकारी दी. फडणवीस ने पोस्ट में कहा, "पहले फेज में इस यूनिट में 40 हजार वेफर्स की प्रोडक्शन कैपेसिटी होगी. जबकि दूसरे फेज में 80,000 वेफर्स बनाए जाएंगे." हालांकि, फडणवीस ने किसी टाइमलाइन या डेडलाइन का जिक्र नहीं किया.

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देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र के लिए एक अच्छी खबर है. CM एकनाथ शिंदे के साथ हुई कैबिनेट सब-कमिटी की मीटिंग में 1, 20,220 करोड़ रुपये के इंवेस्टमेंट को मंजूरी मिली है.

कैबिनेट सब-कमिटी ने इन इंवेस्टमेंट को दी मंजूरी:-

-अदाणी ग्रुप पनवेल के तालोजा MIDC में टावर सेमीकंडक्टर प्लांट बनाएगा. इसमें कुल 83,947 करोड़ (10 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का इंवेस्टमेंट होगा. फेज 1 में 58,763 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट होगा. फेज 2 में 25,184 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट होगा. इस प्लांट में एनालॉग/ मिक्स्ड सिग्नल्स, सेमीकंडक्टर की मैन्युफैक्चरिंग की जाएगी. फेज 1 में 40 हजार वेफर्स हर महीने प्रोड्यूस किए जाएंगे. जबकि फेज 2 में 80 हजार वेफर्स प्रति महीने बनाने का टारगेट रखा गया है. इस इंवेस्टमेंट से 5000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

-महाराष्ट्र सरकार ने स्कोडा वॉक्सवैगन प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दे दी है. यह प्रोजेक्ट पुणे स्थित चाकण में शुरू किया जाएगा. इस प्लांट में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और हाइब्रिड कार बनाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट के लिए 15,000 करोड़ का इंवेस्टमेंट होगा. इससे 1000 लोगों को रोजगार मिलेगा.

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-छत्रपति संभाजीनगर के AURIC में टोयोटा किर्लोस्कर प्लांट को भी मंजूरी मिली है. यहां हाइब्रिड व्हीकल्स, प्लगइन हाइब्रिड व्हीकल्स, फ्यूल सेल EV और बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाए जाएंगे. इस प्लांट में 21,273 करोड़ का इंवेस्टमेंट होगा. इससे 8800 लोगों को रोजगार मिलेगा.

भारत को टेक्नोलॉजी सुपरपावर बनाना चाहते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी का सपना भारत को टेक्नोलॉजी सुपरपावर बनाने का है. हाल ही में पीएम मोदी ने सिंगापुर दौरे में सेमीकंडक्टर को लेकर बड़ी डील की थी. 

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती तकनीकी प्रतिद्वंद्विता के कारण सेमीकंडक्टर एक अहम सोर्स बन गया है. कई देश सेमीकंडक्टर के इंपोर्ट पर बहुत ज्यादा निर्भर रहने और घरेलू क्षमताओं को विकसित करने में भारी निवेश करने के जोखिम की समीक्षा कर रहे हैं. इस बीच अदाणी ग्रुप, इजरायल के टावर सेमीकंडक्टर को एक प्रमुख उभरते बाजार में पैर जमाने में मदद कर सकता है. 

हालांकि, टावर सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी जायंट इंटेल और ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के एक अंश के बराबर है. यह ब्रॉडकॉम इंक जैसे बड़े कस्टमर को अपनी सर्विस देती है.

वैसे अदाणी ग्रुप भारत के उभरते सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में टाटा ग्रुप के कदमों पर चल रहा है. टाटा ग्रुप ने पश्चिमी राज्य गुजरात के धोलेरा में अपने 11 बिलियन डॉलर के चिप प्लांट के लिए ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन के साथ पार्टनरशिप की है.

टाटा के इस प्लांट में 40-नैनोमीटर या पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके 50,000 मैच्योर्ड चिप्स का प्रोडक्शन किया जाएगा. ये चिप अभी कस्टमर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, डिफेंस सिस्टम और एयरक्राफ्ट में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की जाती है.

भारत सरकार को देशभर में सेमीकंडक्टर क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 21 अरब डॉलर के प्रस्ताव मिले हैं. चिप प्लांट में 15 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश होगा.

भारत ने देश में चिप निर्माताओं को लुभाने के लिए 10 बिलियन डॉलर का फंड भी बनाया है. इसके तहत अमेरिकी मेमोरी मेकर माइक्रोन टेक्नोलॉजी इंक को गुजरात में 2.75 बिलियन डॉलर की असेंबली फेसिलिटी बनाने में मदद मिल चुकी है.

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