हैदराबाद में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) शाखा के मैनेजरऔर उनके सहयोगियों को 175 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है. ‘तेलंगाना साइबर सिक्यूरिटी ब्यूरो' ने बताया कि हैदराबाद में छह बैंक खातों के माध्यम से साइबर ठगी के जरिये 175 करोड़ रुपये की हेराफेरी के सिलसिले में बुधवार को दो और व्यक्तियों--एक सरकारी बैंक के शाखा प्रबंधक एवं जिम प्रशिक्षक को गिरफ्तार किया गया.
NDTV के साथ खास बातचीत में हैदराबाद में साइबर सुरक्षा ब्यूरो मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि शहर के शमशीर गंज इलाके में एसबीआई शाखा प्रबंधक ने धोखेबाजों के साथ मिलीभगत की, चालू खाते खोलने की सुविधा दी, धन की निकासी में सहायता की और कमीशन के बदले पैसे की हेराफेरी की.
4 लोग गिरफ्तार
ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि शम्सीरगंज में बैंक शाखा प्रबंधक ने ठगों के साथ मिलीभगत कर चालू बैंक खाते खोलने, पैसे निकालने और उन पैसों की हेराफेरी करने में मदद पहुंचायी और यह सब करने के पीछे उसकी एक मंशा कमीशन पाना था.
बयान में कहा गया है कि ‘साइबर सिक्यूरिटी ब्यूरो' की डेटा विश्लेषण टीम को शम्सीरगंज में सरकारी बैंक के छह खातों के खिलाफ ‘नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल' पर कई शिकायतें नजर आयीं और उनका सावधानपूर्वक विश्लेषण करने पर यह सामने आया कि इस साल मार्च और अप्रैल की महज दो महीने की अवधि में इन खातों के जरिए काफी अधिक रकम का लेन-देन किया गया.
पुलिस ने कहा कि दुबई से अपना धंधा कर रहे मुख्य ठग और उसके पांच साथी गरीबों को बैंक खाता खुलवाने का लालच देने तथा साइबर अपराधों एवं हवाला धंधों में उनके (खातों के) इस्तेमाल करने के एवज में उन्हें कमीशन देने में शामिल थे.
पुलिस का कहना है कि मुख्य ठग के निर्देश पर आरोपियों एवं अन्य सहयोगियों ने कमीशन का लालच देते हुए कुछ गरीबों को इस साल फरवरी में बैंक की शम्सीरगंज शाखा में छह बैंक खाते खोलने के लिए राजी किया . आरोपी पहले गिरफ्तार किये गये थे.
पुलिस ने कहा कि सहयोगियों ने मुख्य ठग के निर्देश पर पैसे निकाल लिये और अपने एजेंट के मार्फत उन्हें इन (गरीब) लोगों में वितरित कर दिये. पुलिस ने लोगों से किसी अन्य के लिए बैंक खाता नहीं खुलवाने या संदिग्ध लेन-देन में शामिल नहीं रहने को चेताया है.
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