राजस्थान में इंदिरा रसोई योजना के तहत परोसी जाने वाली प्रति थाली में कुल सामग्री का वजन 450 ग्राम निर्धारित था। श्री अन्नपूर्णा रसोई की थाली में कुल सामग्री का वजन 600 ग्राम तय किया गया है।
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योजना का परिचय
बजट घोषणा वर्ष 2022-23 में रसोईयों की संख्या 358 से बढ़ाकर 1000 की गई, जिन पर 250 करोड़ रुपये खर्च कर प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ भोजन थाली परोसी जाकर जरुरतमन्दों को लाभान्वित किया जा सकेगा।
बजट घोषणा 2023-24 में योजना की लोकप्रियता को देखते हुए श्री अन्नपूर्णा रसोइयों का ग्रामीण कस्बों में भी विस्तार करते हुए इनकी संख्या बढाकर दो हजार करने की घोषणा।
योजना की विशेषताएं
लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठाकर भोजन व्यवस्था
राज्य सरकार द्वारा 22 रूपये प्रति थाली अनुदान
योजना हेतु प्रतिवर्ष 250 करोड रूपये का प्रावधान
प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगां को लाभान्वित करने का लक्ष्य। आवश्यकता के अनुरूप इसे और बढ़ाया जा सकता है।
स्थानीय संस्थाओं के सेवाभाव एवं सहयोग से रसोईयों का संचालन
भोजन मेन्यू में मुख्य रूप से प्रति थाली 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम चावल या मिलेट्स खिचड़ी , अचार सम्मिलित है।
विकेन्द्रित स्वरूप - जिला स्तरीय समिति को दिया गया है
माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 'कोई भूखा ना सोये' के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में 'इन्दिरा रसोई योजना की शुरुआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत जरूरतमन्द लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाना है। इस योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को रूपये 8/- प्रति थाली की दर पर दोपहर एवं 8 रूपये प्रति थाली की दर से रात्रिकालीन भोजन उपलब्ध कराया जाना है। निर्देशानुसार राज्य के सभी नगरीय निकायों में योजना का दिनांक 20.08.2020 से शुभारम्भ किया जाना है। योजना की विस्तृत गाईडलाइन विभाग की वेबसाइट (LSG URBAN RAJASTHAN GOV IN) पर उपलब्ध हैं।
रियल-टाइम ऑनलाइन मोनेटरिंग एस.एम.एस गेटवे से लाभार्थी को सूचना एवं फिडबैक सुविधा
प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान
राज्य/जिला स्तरीय समिति द्वारा निरीक्षण व गुणवत्ता जाँच
कोरोना महामारी के बचाव हेतु रसोईयों पर आवश्यक प्रावधान
सामान्यतः दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 3:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 9:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा।
आवश्यकतानुसार एक्शटेन्शन काउंटर द्वारा भोजन वितरण किया जायेगा।
योजना में आपकी सहभागिता-
इस योजना में व्यक्ति/संस्था/कॉर्पोरेट/फर्म आर्थिक सहयोग भी कर सकती है। दान/सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय श्री अन्नपूर्णा रसोई के बैंक खाते में ही किया जा सकेगा। औद्यौगिक/व्यापारिक संस्थान सीएसआर फण्ड से सहयोग कर सकते हैं तथा ये संस्थान एक या अधिक श्री अन्नपूर्णा रसोई के संपूर्ण सचालन का जनसहभागिता के आधार पर उत्तरदायित्व ले सकते है। रसोई में आप अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिवस या अन्य किसी उपलक्ष्य में दोपहर/रात्रि या दोनों समय का भोजन प्रायोजित कर सकते हैं, आगंतुकां के लिए प्रायोजित भोजन प्रायोजित सीमा तक निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। आपके प्रायोजित भोजन का प्रदर्शन डिस्प्ले बोर्ड पर किया जा सकेगा कि ‘‘आज का भोजन श्री .......... द्वारा ............................... कारण से प्रायोजित है।” प्रायोजक व्यक्ति लागत राशि का भुगतान संबंधित बैंक खाते में किया जाएगा।
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना का संचालन -
नगरीय निकाय रसोईयां के दिन प्रतिदिन संचालन की नियमित मॉनटरिंग एवं समीक्षा करेंगी।
प्रदेश में कोरोना महामारी में कामगार, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबों, जरूरतमंदों आदि को भोजन वितरण के दौरान केन्द्र, राज्य एवं चिकित्सा विभाग द्वारा जारी समस्त दिशा-निर्देशों की पालना कार्मिकों/लाभार्थियों से करवायी जायेगी। मास्क लगाना, सोशियल डिस्टेंसिंग व सैनेटाईजर की व्यवस्था आवश्यक रूप से की जायेगी साथ ही सभी रसोईयों में प्रतिदिन सैनेटाईजेशन, रसोईयों में कार्यरत कार्मिकों की समय-समय पर स्वास्थ्य जॉच भी करवायी जायेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित रसोई योजना का नाम अब "श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना "
जयपुर 6 जनवरी 2024 "श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना " में लाभार्थियों को परोसी जाने वाली थाली में मात्रात्मक वृद्धि 600 ग्राम किये जाने व मीनू में गुणात्मक सुधार करते हुए 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 100 ग्राम चावल या मिलेट्स खिचड़ी , अचार दिया जाना निर्धारित किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित रसोई योजना का नाम अब " श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना" करने का निर्णय लिया गया है।
लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
सम्मानपूर्वक एक स्थान पर बैठाकर भोजन व्यवस्था
राज्य सरकार द्वारा 22 रूपये प्रति थाली अनुदान
मुख्य नियम व शर्ते
संस्था के सूचीबद्ध व चयन करने, उनके कार्य व दायित्व तथा इसके लिए उनको भुगतान आदि से संबंधित मुख्य नियम / शर्त निम्नानुसार है
1. इन्दिरा रसोई के संचालन का मूल उद्देश्य न्यूनतम लागत पर जरूरतमंद आमजन को सेवा आधार पर भोजन उपलब्ध कराना है। अतः व्यावसायिक हित को मूल आधार ना मानते हुए केवल सेवाभाव के आधार पर ही आवेदन किया जाना अपेक्षित है।
2. इच्छुक आवेदक प्रत्येक रसोई हेतु पृथक-पृथक आवेदन निर्धारित प्रारूप परिशिष्ठ 'अ में संबंधित जिला मुख्यालय के नगर निकाय (नगर निगम परिषद) में प्रस्तुत करेगा, जिसकी सूची परिशिष्ठ 'ब' पर संलग्न है।
प्रतिभूति (Security) आवेदन-पत्र के साथ प्रत्येक रसोई हेतु निम्नानुसार राशि का डिमाण्ड ड्राफ्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा:-
1. नगर निगम क्षेत्र की प्रत्येक रसोई हेतु प्रतिभूति राशि 15000/- रूपये
2. नगर पालिका एवं परिषद् क्षेत्र की प्रत्येक रसोई हेतु प्रतिभूति राशि 10000/- रूपये
उपरोक्त राशि का डिमाण्ड ड्राफ्ट संबंधित जिला मुख्यालय की नगरीय निकाय (नगरनिगम /परिषद) के आयुक्त के पक्ष में देय होना चाहिए। चयन प्रक्रिया पूर्ण होने पर असफल आवेदकों (एम्पेनलमेन्ट हेतु चयन नहीं होने पर) को प्रतिभूति राशि वापस लौटा दी जायेगी तथा एमपैनलमेन्ट में सम्मिलित संस्थाओं की यह राशि एमपैनलमेन्ट / चयन अवधि समाप्ति होने ने पर लौटायी जायेगी। यदि कोई संस्था राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि नहीं लेने का प्रस्ताव देती है (स्वयं के स्तर से वहन करती है), तो उससे प्रतिभूति नहीं ली जायेगी।
राजस्थान की भजन लाल सरकार ने जरूरतमंदों के लिए चल रही इंदिरा रसोई योजना का नाम बदल दिया है। अब इसे श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के नाम से जाना जाएगा। अन्नपूर्णा योजना के तहत मिलने वाली थाली की कुल लागत 30 रुपए होगी। 22 रुपये सरकार ही ओर से अनुदान होगा, लाभार्थियों को पहले की तरह 8 में थाली मिलेगी। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव ह्रदयेश कुमार शर्मा की ओर से आदेश जारी किए गए हैं।
यदि कोई संस्था राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान राशि नहीं लेने का प्रस्ताव देती है (स्वयं के स्तर से वहन करती है), तो उससे प्रतिभूति नहीं ली जायेगी।
अनिवार्य योग्यता (Eligiblity Criteria) आवेदन करने वाली संस्था को Empanel एवं चयन हेतु निम्नानुसार योग्यता होना आवश्यक है:-
1. आवेदन करने वाली संस्था का पंजीयन किसी भी एक राजकीय संस्था में निम्न अधिनियम के तहत होना आवश्यक है यथा देवस्थान ट्रस्ट एक्ट-1882 में पंजीयन, कॉपरेटिव एक्ट-1958 में पंजीयन, कंपनी एक्ट 2013 में पंजीयन, साझेदारी एक्ट 1932 में पंजीयन, भारतीय न्यास अधिनियम 1882 में पंजीयन ।
2. संस्था को PAN नं. की प्रति संलग्न करनी होगी।
3. संस्था को जीएसटी नं. की प्रति संलग्न करनी होगी यदि जीएसटी में पंजीयन नहीं है तो कार्यादेश में वर्णित दर के अनुसार प्रति वर्ष की अनुमानित लागत के आधार पर जीएसटी प्रावधान लागू होने पर संस्था को नियमानुसार जीएसटी पंजीयन करवाना होगा।
4.संस्था की चयन प्रक्रिया प्राप्त प्रस्तावों का परीक्षण कर उसकी सक्षमता, कार्यानुभव, सेवाभाव एवं कार्यकलापों के आधार पर निम्नानुसार क्रम में वरीयता देते हुए Empanel एवं चयन किया जाएगा-
भोजन उपलब्ध कराने के लिए भवन
1. जिन संस्थाओ का स्वयं का भवन हो और राज्य सरकार द्वारा देय अनुदान नहीं लेकर, स्वयं के स्तर से योजना के मानदंडों के अनुसार रसोई का संचालन करने का प्रस्ताव दे।
2. जो संस्था राज्य सरकार द्वारा देय अनुदान राशि न लेकर योजना के मानदंडों के अनुसार रसोई का संचालन करने का प्रस्ताव दे।
3. जिन संस्थाओ का स्वयं का/स्वपोषित किराये का भवन हो, जो पूर्व में ऐसा कार्य कर रही हो।
4. प्रतिष्ठित स्थानीय संस्थाओं को प्राथमिकता दी जावेगी। स्थानीय संस्थाओं के एकाधिक आवेदन प्राप्त होने पर अधिक अनुभव वाली संस्था को प्राथमिकता दी जावेगी।
5. ऐसी सस्था जो पूर्व में ही रसोई संचालित कर रही है. वे भी योजना से जुड सकती है। उन्हें अपनी रसोई में इन्दिरा रसोई योजना का लोगो प्रदर्शित करना होगा। साथ ही योजना के दिशा-निर्देशो के अनुरूप कार्य करना होगा।
विभाग द्वारा उपलब्ध करवाये जाने वाली रसोई एवं संसाधन
1. स्थान संबंधित नगर निकाय द्वारा रसोई हेतु स्थान निःशुल्क उपलब्ध करवाया जायेगा। उपयुक्तता के आधार पर स्थान निर्धारण कर सरकारी भवनों, आश्रय-स्थल, अम्बेडकर भवन, सामुदायिक भवन, अनुपयोगी सरकारी भवनों, अस्पतालों, बस स्टेण्डों, चयनित संस्था के निजी भवनों आदि में संचालित की जायेगी। उक्त में से स्थान की अनुपलब्धता पर किराये के भवन में रसोई का संचालन किया जा सकेगा, जिसका भुगतान योजना के आवृति व्यय मद से किया जा सकेगा। यदि कोई संस्था रसोई संचालन हेतु अपने स्वयं का भवन अथवा संस्था के द्वारा स्वपोषित किराये के भवन का प्रस्ताव देती है है तो Eol में वर्णित वरीयता के अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी।
लाभार्थी से ली जाने वाली राशि एवं देय अनुदान राशि:-
1. लाभार्थी से दोपहर के भोजन हेतु । रू० प्रति थाली एवं रात्रिकालीन भोजन हेतु 8 रू० प्रति थाली लिए जायेगें।
2. राज्य सरकार द्वारा दोपहर भोजन हेतु प्रति थाली 12 रू. एवं रात्रिकालीन भोजन हेतु प्रति थाली 12 रू. की राशि अनुदान के रूप में संबंधित संस्था को दी जाएगी। नियमानुसार जीएसटी राशि का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
3. यदि कोई संस्था अनुदान राशि नही लेने का प्रस्ताव देती है तो प्रस्ताव युक्तियुक्त पाये जाने की स्थिति में उस पर Fol में वर्णित वरीयता के अनुसार विचार किया जाएगा। इस संबंध में जिला स्तरीय मॉनिटरिंग एवं समन्वय समिति का निर्णय अन्तिम होगा।
दान व जनसहभागिता इस योजना में व्यक्ति / संस्था / कॉर्पोरेट / फर्म आर्थिक सहयोग कर सकती है। दान / सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय इंदिरा रसोई के बैंक खाते में ही किया जा सकेगा।
भुगतान प्रकिया - योजना के दिशा-निर्देशानुसार भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
संस्था की भूमिका एवं दायित्व जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति से चयनित संस्था रसोई के सुचारू संचालन हेतु उत्तरदायी होगी। चयनित संस्था, जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति तथा नगरीय निकाय के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में कार्य करेगी। संस्था द्वारा जिला स्तरीय समिति, संबंधित निकाय व राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये गये / किये जाने वाले निर्देशों की अक्षरशः पालना करनी होगी। संस्था के प्रमुख दायित्व निम्नानुसार होंगे:-
1. संस्था द्वारा लाभार्थियों को स्वच्छ, गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक भोजन सम्मानपूर्वक बिठाकर उपलब्ध कराया जावेगा।
2. संस्था द्वारा भोजन बनाने हेतु रसद व अन्य सामग्री यथा आटा, दाल, सब्जी, तेल, मसाले इत्यादि स्वयं के खर्च पर कय किये जायेगें। स्थानीय निकाय द्वारा बिल प्राप्त होने पर केवल अनुदान का भुगतान किया जायेगा।
3. भोजन बनाने एवं वितरण करने से संबंधित समस्त कार्य तथा केन्द्र को साफ सुथरा रखने के लिए आवश्यक कार्मिक एवं साधनों की व्यवस्था की जावेगी।
मॉनिटरिंग व्यवस्था योजना के दिशा-निर्देशानुसार मॉनिटरिंग की जावेगी।
किसी भी प्रकार का विवाद की स्थिति में होने पर जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति का निर्णय अन्तिम होगा। समस्त विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर होगा।
आवेदन पत्र भरने हेतु दिशा-निर्देश आवेदन पत्र सम्पूर्ण रूप से भरकर इसके साथ निम्न दस्तावेज संलग्न कर संबधित जिला मुख्यालय की नगरीय निकाय में जमा कराना होगा-
आवेदन पत्र हस्ताक्षर सहित
प्रतिभूति राशि का डिमाण्ड ड्राफ्ट "आयुक्त, संबधित जिला मुख्यालय की नगरीय निकाय (नगर निगम / परिषद)" का नाम के पक्ष में देय होगा।
EOI की प्रति (प्रत्येक पृष्ठ हस्ताक्षरित मय संस्था की मोहर),संस्था के पंजीयन के प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रतिलिपि,पेनकार्ड/जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सत्यापित प्रतिलिपि,अनुभव संबंधी दस्तावेज, यदि उपलब्ध हो तो।
थाली में क्या रहेगा
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना में लाभार्थियों को परोसी जाने वाली थालियों में मात्रात्मक और गुणात्मक सुधार करते हुए मेन्यू निर्धारित किया गया है। डीएलबी निदेशक के अनुसार अब मेन्यू में चपाती, दाल, सब्जी, चावल, मिलेट्स और खिचड़ी आदि के साथ अचार भी शामिल रहेगा। परोसी जाने वाली थाली की सामग्री का कुल वजन 600 ग्राम निर्धारित किया गया है।
जिले में 39 और निगम क्षेत्र में 30 रसोइयां संचालित
जिले में इस समय 39 श्री अन्नपूर्णा रसोइयां संचालित हो रही हैं। इनमें 30 रसोइयां नगर निगम क्षेत्र में चल रही हैं। इसके अलावा 9 रसोइयां ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही हैं।
150 ग्राम वजन, 5 रुपए अनुदान बढ़ा
प्रदेश में इंदिरा रसोई योजना के तहत परोसी जाने वाली प्रति थाली में कुल सामग्री का वजन 450 ग्राम निर्धारित था। थाली की कुल लागत 25 रुपए थी। इनमें सरकारी अनुदान 17 रुपए और लाभार्थी का अंशदान 8 रुपए प्रति थाली निर्धारित था। श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना में परोसी जाने वाली प्रति थाली की कुल सामग्री का वजन 600 ग्राम निर्धारित किया गया है। वहीं सरकारी अनुदान को 17 रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए प्रति थाली कर दिया गया है। सरकारी अनुदान प्रति थाली 5 रुपए बढ़ाया गया है। लाभार्थी का अंशदान पहले की तरह प्रति थाली 8 रुपए ही रखा गया है।
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