मैं एक आधुनिक मुस्लिम परिवार से हूं.. मैं जीवन में इस्लाम का बहुत अधिक पालन नहीं कर रहा था.. लेकिन मुझे अल्ला पर पूरा भरोसा था। मेरे माता-पिता के अलावा, दो और भाई-बहन हैं.. वे बचपन से ही हमेशा तटस्थ रहते थे लेकिन जब.. मैं बच्चा था, मैं नमाज़ पढ़ता था और.. रोज़ा भी रखता था। जब मैं थोड़ा और बड़ा हुआ तो मैंने यह तर्क लागू किया कि यदि अल्ला है
माता-पिता के बराबर, फिर वह हमें उसके लिए भूखा रहने के लिए क्यों कहता है.. और मूर्खतापूर्ण नमाज अभ्यास करने के लिए क्यों कहता है? बाद में मैंने उन प्रथाओं को छोड़ दिया.. लेकिन मेरे जीवन में अभी भी अल्ला थे.. मैं अभी 18 साल का भी नहीं था, जब मैंने.. एक कार्यालय में एक छोटी सी नौकरी शुरू की.. कार्यालय के मुस्लिम सहयोगियों ने मुझे यह बताने की कोशिश की.. कि उपवास करना है सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य लेकिन मैंने उन्हें नजरअंदाज कर दिया..मुझे यकीन था
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यह वह ईश्वर जिसने हमें बनाया
बहुत अधिक शक्तिशाली और बुद्धिमान होगा वह कुछ मूर्खतापूर्ण अभ्यास करने के लिए क्यों कहेगा.. हालाँकि मैंने अभी तक हदीस या कुरान को अर्थ सहित नहीं पढ़ा था। मैं कभी-कभी फेसबुक पर इस्लाम की अच्छी पोस्ट शेयर करता था। तब मैं उन लोगों को ब्लॉक कर देता था जो उस पोस्ट पर कमेंट में मुहम्मद को गाली देते थे.. मुझे लगता था कि वे.. नफरत फैला रहे हैं.. यह कैसे संभव हो सकता है कि वह व्यक्ति जिसने इतनी बड़ी शुरुआत की हो
Zafar Heretic : Why I left Islam |
धर्म, उस चरित्र का होता, जैसा वे दावा करते हैं.. हालाँकि मेरे मन में बहुत सारे सवाल थे.. क्योंकि मैंने स्कूल में विज्ञान का अध्ययन किया था.. लेकिन मुझे मुस्लिम विद्वानों के साथ इस पर चर्चा करना कभी पसंद नहीं आया क्योंकि.. मुझे कभी भी पसंद नहीं आया। जिस तरह से वे कहते थे कि भगवान और उसके दूत पर कभी सवाल नहीं उठाया जा सकता.. मुझे वह व्यवहार कभी पसंद नहीं आया.. सभी विद्वान मुझे अशिक्षित लगते थे... और मैं था
इंतज़ार कर रहा हूँ.. एक ऐसे व्यक्ति का जो विज्ञान और इस्लाम को एक साथ रख सके.. मैं उस समय इस्लाम छोड़ सकता था.. लेकिन फिर मैंने जाकिर नाइक का एक शो देखा.. डॉ. जाकिर नाइक मेडिकल डॉक्टर थे.. मैं इस बात से थोड़ा खुश था मुझे कम से कम एक व्यक्ति मिला जो इस्लाम का वैज्ञानिक संस्करण दुनिया के सामने रख सकता है.. मैंने जाकिर नाइक के हेरफेर किए गए विज्ञान को गंभीरता से लिया.. और फिर से इस्लाम में वापस आ गया.. शांतिपूर्ण इस्लाम
लेकिन ये झूठ.. ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सका.. एक बार मेरे गैर-मुस्लिम दोस्त ने मुझसे पूछा: "क्या तुम्हारे दूत ने.. सच में 6 साल की बच्ची से शादी की है"? मैंने जवाब दिया नहीं भाई, ये सिर्फ नफरत फैलाने के लिए फर्जी कहानियां हैं.. उसने जवाब नहीं दिया लेकिन इस बार मेरे मन में विचार आया.. कि मुझे अब सच में इस्लाम पर गौर करना चाहिए.. इसलिए अगर कोई ऐसा कोई दावा करता है तो मैं जवाब दे सकता हूं हकीकत.. सबसे पहले मैंने कुरान उठाया और अर्थ के साथ इसका अध्ययन किया.. एक पल के लिए मुझे लगा कि अनुवाद गलत हो सकता है.. लेकिन जब मैंने कुरान से संबंधित स्पष्टीकरणों का अध्ययन किया.. तो मैं चौंक गया। मैंने अन्य स्पष्टीकरण पढ़े.. जैसे आयशा की कहानी.. इस्लाम में यौन दासियों के बारे में अध्ययन किया.. 72 हूरी, हलाला की ट्रिपल तलाक प्रणाली अवधारणा.. मुझे लगता था कि ये बातें किसी विद्वान द्वारा कही जा सकती थीं और इसका गलत अर्थ निकाला गया होगा
लेकिन ये सब कुरान का हिस्सा थे.. विज्ञान पूरी तरह से नष्ट हो गया मैं बहुत उदास था.. ये क्या है?? क्या यह वह इस्लाम है जिसका मैं अनुसरण कर रहा था? फिर मैंने इन विषयों पर प्रसिद्ध विद्वानों के औचित्य को देखा.. मैं संतुष्ट नहीं हुआ। जितना औचित्य मैं देख रहा था.. उतनी ही नफरत मुझे विचारधारा के प्रति महसूस हो रही थी। अब जो चीजें अंदर थीं.. सामने आने लगीं..
जैसे क्यों इतने सारे धर्म हैं.. और हर कोई क्यों सोचता है कि उनका धर्म सच्चा है.. मैंने ब्रह्मांड विज्ञान का अध्ययन किया जो मैंने स्कूल के समय में शायद ही कभी पढ़ा हो.. इन सभी का अध्ययन करने के बाद भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान का अध्ययन किया.. मेरा भगवान पीछे छूट गया.. मैंने देखा कि विज्ञान को हर जगह पेश किया जा रहा था...कुरान की बकवास आयतों में हेरफेर किया जा रहा था...उन्हें विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में फिट करने के लिए।
मैने सुना पूर्व मुसलमानों और उनके द्वारा दिए जा रहे संदर्भों का सत्यापन किया। वे सच बोल रहे थे.. फिर मैंने इस्लाम का गहराई से अध्ययन किया अब मुझे पता चला कि इसके पीछे क्या खेल था.. यह एक व्यवसाय था, जहां कुछ लोग इसे खड़ा रखने के लिए इस पर काम कर रहे थे.. वे ऐसे लोगों को भी मार सकते हैं जो उसी प्रणाली के माध्यम से सच बोलें.. अब मेरे पास दो रास्ते थे.. एक इस पर चुप रहना और इसे अपने तक ही सीमित रखना..
और अपना जीवन खुशी से जियो.. एक और इस झूठ के खिलाफ खड़ा होना.. और इसके खिलाफ बोलना.. विकल्प के खिलाफ बोलना मुझे बुद्धिमानी लगा.. लेकिन मैं ऐसा करने का कोई तरीका नहीं सोच सका.. फिर मैंने देखा कि कई अन्य लोग हैं सोशल मीडिया के जरिए कर रहा हूं.. फिर मैं भी इस लड़ाई में उनका साथ देने आ गया.. अब मैंने यहां अकेले ही ये जंग शुरू कर दी है.. लेकिन मुझे डर है कि मैं इसे अकेले नहीं जीत पाऊंगा.. ये लड़ाई हो सकती है
जीत तभी पाऊंगा जब और भी ज्यादा लोग मुझसे लड़ सकें.. क्योंकि हम जिनसे लड़ रहे हैं.. वे हमसे किसी भी तरह से कम ताकतवर नहीं हैं.. उन्हें ऐसे कमांडर मिल गए हैं.. जिनकी बातों में इतना वजन होता है कि जो भी सुन ले.. आसानी से फंस सकते हैं.. उन्हें अपने साथ एक भीड़ मिल गई है.. जो कभी भी एक आदेश पर किसी को भी नष्ट कर सकते हैं.. उनके पास पैसा, ताकत, हथियार और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें एक नकली अल्..... भी मिला है।
हमारे साथ केवल सत्य और मानवता है.. याद रखें, हमें एक ऐसी विचारधारा से लड़ना है.. जो मानवता के खिलाफ है.. ये भी याद रखें.. अगर हम लोगों से युद्ध करेंगे तो जीत सकते हैं ये युद्ध तो बस.. उन लोगों को मारने से.. लेकिन अगर विचारधारा से युद्ध हो.. तो ये युद्ध जीतना इतना आसान नहीं है.. सत्य की हमेशा जीत होती है.. और अगर सत्य नहीं जीत रहा है.. तो ये संकेत है कि युद्ध है
निष्कर्ष
अभी भी चल रहा है.. तो अब मेरे साथ आओ.. और अपनी पीढ़ियों को एक अच्छा अकल देने के लिए खड़े हो जाओ.. मेरा समर्थन करो ताकि मेरा संदेश सही और बहुत से लोगों तक पहुंच सके ताकि कल मानवता का दिन हो सके.. और एक विज्ञान का दिन आज के लिए बस इतना ही.. अगले एपिसोड में हम फिर मिलेंगे किसी और विषय के साथ.. तब तक.. सुरक्षित रहें.. और अपना और अपने प्रियजनों का ख्याल रखें.. जय हिंद..जय विज्ञान
- समस्याओं के समाधान का हल पाओगे, यदि विज्ञान की ताकत को समझ जाओगे
- महत्व जानो शिक्षा और ज्ञान का,शक्ति पहचानों विज्ञान की
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